Posts

Showing posts from April, 2016

गरीब किसान झिनकू पेड़ पर लटक कर मर गया

Image
कैसे कोई गरीब किसान झिनकू पेड़ पर लटक कर मर जाने में ही मुक्ति देख पाता है, इसे जानना हो तो आपको उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आना पड़ेगा। यहां झिनकू की मौत अफसरों, नेताओं, सिस्टम से ढेर सारे सवालों का जवाब मांग रही है लेकिन सब भ्रष्टाचारी चुप्पी साधे मामले को दबाने में लगे हैं। किसान अन्नदाता होता है। झिनकू भी अन्नदाता था। लेकिन गरीबी, कर्ज और भूख ने उसे ऐसे बेबस किया कि पूरा सिस्टम उसे आत्महत्या की ओर ले जाने लगा। यूं तो अन्नदाता सबका पेट भरता है लेकिन झिनकू के पेट की फिकर किसी ने नहीं की। जिले के महोली ब्लाक के मूड़ाहूसा का किसान आखिर फांसी पर झूल ही गया और इसके साथ ही उसने तमाम सरकारी वादों को खोखला साबित कर दिया। बुधवार बीस अप्रैल को हुई किसान की मौत पर भले शासन प्रशासन मौन हो लेकिन मीडिया में लगातार खबरें आने से मामला तूल पकड़ता जा रहा है।  दरअसल झिनकू की मौत यूं ही नहीं हुई। उसकी कहानी बेहद दर्द भरी दास्तान है जिसमें संघर्ष की सारी सीमाएं टूट गईं। आपको बताते चलें कि हर दिन भूख सहना और फसल पकने पर अच्छे दिनों की राह अन्य किसानों की तरह झिनकू के सपने भी ऐसे ही थे। बारह साल पह

भारत में गुलाम अली को फूल, पाकिस्तान में कबीर खान को जूता

Image
 विदेश में हुई एक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। यह घटना पाकिस्तान के कराची में हुई है। वहां मशहूर निर्देशक कबीर खान से बदसलूकी की गई। वही कबीर खान जिन्होंने भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर बजरंगी भाईजान जैसी फिल्म बनाई। उन्हीं कबीर खान की फिल्म फैंटम से गुस्सा कुछ लोगों ने पाकिस्तान में कराची एयरपोर्ट पर कबीर खान से बदसलूकी की। जिस वक्त ये सबकुछ हो रहा था पाकिस्तानी एयरपोर्ट पर सुरक्षाकर्मी चुपचाप तमाशा देख रहे थे। एक दिन पहले ही वाराणसी में पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया। गुलाम अली के लिए हजारों दर्शकों का सम्मान आप देख सकते हैं। वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में पेशकश दी लेकिन सरहद पार पाकिस्तान में हमारे कलाकार के साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है। कबीर खान पाकिस्तान के कराची में एक कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने गये थे। कॉन्फ्रेंस खत्म कर जब वो भारत लौट रहे थे तभी कराची के जिन्ना एयरपोर्ट के बाहर उनके साथ पाकिस्तानियों ने इस तरह का सलूक किया। वैसे तो कबीर खान ने कई हिट फिल्में बनाई हैं। लेकिन पाकिस्तान की जमीन पर बदसलूकी का कारण बना है पिछले साल आई उनकी फ

जल संकट प्रकृति की चेतावनी

Image
देश के दस राज्यों उत्पन्न जल संकट प्रकृति की चेतावनी है। अगर अब भी मानव समाज न सुधरा तो आने वाला समय भयावह होगा। शायद भविष्यवक्ताओं द्वारा कही गई बात ‘तीसरा विश्व युद्ध’ पानी के लिए होगा, सच हो जाएगा। यह संकट न केवल सरकार का है औ न ही अकेले मानव समाज का। इस संकट से निपटने के लिए मिलजुल कर प्रभावी प्रयास करना होगा। इस संकट से लड़ने के लिए मुकम्मल रणनीति अपनानी होगी। यह ध्यान रखना होगा कि गांवों में सूखे से लड़ने के लिए सामुदायिक व्यवस्था हमेशा से कारगर रही है। नाबार्ड के आर्थिक विश्लेषण और अनुसंधान विभाग ने ‘हरित क्रांति के रेन शैडो में एक सामान्य कहानी’ शीर्षक से साल 2014 में एक निबंध प्रकाशित की थी। यह निबंध गांवों में सामान्य संपत्ति (मोटे तौर पर सामुदायिक संपत्ति) अधिकारों पर सात राज्यों के 22 जिलों में 100 गांवों के 3,000 परिवारों के अध्ययन पर आधारित एक शोध पत्र है। ये गांव एरिड, सेमी-एरिड और सब-ह्यूमिड इलाकों में हैं। अध्ययन में पाया गया कि 7.30 % सीमांत, 9.60% लघु तथा 9.70% अन्य कृषक सिंचाई के सामुदायिक संसाधनों का उपयोग कर पाते हैं। भूमिहीनों के मामले में यह मात्र 0.70% है। समा

‘बेटी’ ने मेहनत और लगन से पूरी की पिता दाऊ महासिंह की इच्छा

Image
 छत्तीसगढ़ की स्वर कोकिला के रुप में पहचान बनाने वाली लोकगायिका ममता चन्द्राकर ने मंगलवार को अपने पिता दाऊ महासिंह की इच्छा पूरी कर दी। मंगलवार को लोकगायन के क्षेत्र में सर्वोत्कृष्ठ प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने ममता चन्द्राकर को पद्मश्री पुरस्कार से नवाज तो छत्तीसगढ़ के कलाकार खुशी से झूम उठे। छत्तीसगढ़ी लोकगायन को समर्पित ममता ने नौ साल की उम्र से ही स्टेज पर गाना शुरू कर दिया था। ममता को प्रदेश का सबसे प्रतिष्ठित दाऊ मंदराजी सम्मान भी मिल चुका है। वह अभी आकाशवाणी रायपुर में केंद्र निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। वर्ष 1972-73 की बात है। उनके बेहद करीबी ढोलक वादक केदार यादव चाहते थे कि ममता अच्छी गायिका बनें। उन दिनों लोक गायन के क्षेत्र में ‘चंदैनी गोंदा’ नाम की सांस्कृतिक संस्था का बड़ा बोलबाला था। केदार यादव ममता को लेकर संस्था के डायरेक्टर रामचंद्र देशमुख से मिलवाने ले गए। ममता के पिता दाउ महासिंह चंद्राकर से देशमुख की नजदीक थी लेकिन उन्होंने बेटी के लिए कभी सिफारिश नहीं की। परिचय देने के बाद देशमुख ने ममता का गाना ध्यान से सुना। उसके बाद उन्होंने कह दिया, मैं इस बच्ची

मां सर्वोच्च, फिर सबरीमाला मंदिर में प्रवेश क्यों नहीं?

Image
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक के खिलाफ सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने रोक पर सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या परंपरा देश के संविधान से भी ऊपर है। मंदिर में 10-50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर रोक है। इसे लेकर कोर्ट ने मंदिर ट्रस्ट के वकील से पूछा कि कौन से अधिकार से मंदिर महिलाओं करे प्रवेश से रोकता है। जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस पिनाकी मिश्रा और जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने माना कि मामले पर संविधान के अनुसार बहस होनी चाहिए। अदालत ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि मां को भारत में सर्वोच्च माना जाता है। अगर किसी कमरे में मां, पिता, गुरु और अन्य वरिष्ठ बैठे हों, कमरे में प्रवेश करते ही सबसे पहले मां को पूजा जाना चाहिए। कोई भी भगवान की पूजा कर सकता है, वो परमेश्वर है। अदालत ने आगे कहा कि जो भी निर्णय दिया जाएगा वो कानून के अनुसार होगा। राज्य सरकार ने किया था प्रतिबंध का समर्थन इससे पहले केरल सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि राज्य के ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में रजस्वला महिलाओं का प्रवेश वर्जित करना धार्मिक मामला है और इन श्रद्धा

किन्नर ने छेड़ी कन्या सुरक्षा की मुहिम

Image
कन्या भ्रूण हत्या और लड़कियों की सुरक्षा के लिए जो काम समाज के अलंबरदार नहीं कर सके, उसको बरेली का एक किन्नर अंजाम दे रहा है। सरोज किन्नर ने कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए मुहिम चला रखी है। अपनी टीम के साथ घर-घर जाकर लोगों को लड़कियों का महत्व बता रहा है। इतना ही नहीं 20 गरीब छोटी-छोटी बच्चियों की पढ़ाई का खर्च उठा रहा है। सरोज किन्नर ने देश का पहला मदर टेरेसा का मंदिर स्थापित कर समाजसेवा का संदेश भी देने की कोशिश की है। सरोज किन्नर ने लड़कियों की मदद के लिए कन्या सुरक्षा विकास समिति बनाई है। उत्पीड़न की शिकार लड़कियों को सरोज किन्नर कानूनी और आर्थिक मदद भी मुहैया कराता है।  करीब तीन साल से लोगों की लड़कियों की सोच बदलने के लिए किन्नर की जंग जारी है। किन्नर जिन घरों में बधाई के लिए जाता है वहां लड़कियों की सुरक्षा की नसीहत भी देता है। एक बच्ची को किन्नर ने गोद लिया है। अब बच्ची बड़ी हो गई है। शहर के एक नामचीन स्कूल में कक्षा छह में पढ़ रही है। किन्नर की मुहिम का सबसे अधिक असर गरीब बस्तियों में दिखाई दे रहा है।

भारत को शायद वापस नहीं मिल पाएगा कोहिनूर

Image
आज से 43 साल पुराने कानून का हवाला देते हुए केंद्र ने कहा है कि भारत कोहिनूर हीरे को वापस प्राप्त नहीं कर सकता है। इस नियम के तहत उन प्राचीन वस्तुओं को वापस लाने की अनुमति नहीं है, जो आजादी से पहले देश से बाहर ले जाई जा चुकी हैं। केंद्र ने कहा कि पुरावशेष एवं बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण सिर्फ उन्हीं प्राचीन वस्तुओं की वापस प्राप्ति का मुद्दा उठाता है, जिन्हें देश से बाहर अवैध रूप से निर्यात किया गया था। संस्कृति मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में कहा, चूंकि आपके द्वारा वर्णित वस्तु (कोहिनूर) आजादी से पूर्व देश से बाहर ले जाया गया था, इसलिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इस मुद्दे को उठाने की स्थिति में नहीं है। यह आवेदन विदेश मंत्रालय में दायर करके कोहिनूर वापस लाने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी मांगी गई थी। इसके साथ में ब्रिटेन को लिखे गए पत्र और वापस प्राप्त किए गए जवाब की प्रति की मांग की गई थी। संस्कृति मंत्रालय का यह जवाब आवेदन के जरिए उन वस्तुओं की जानकारी मांगी गई, जो ब्रिटेन के संरक्षण में हैं और भारत उन्हें वापस लाने का

जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का कारगर तरीका है बाल फिल्मोत्सव

Image
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में चल रहे आठवें अन्तर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव (आई.सी.एफ.एफ.-2016) के दूसरे दिन का भव्य उद्घाटन सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में बड़े ही उल्लासपूर्ण माहौल में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पधारी प्रख्यात समाजसेवी सुश्री अपर्णा यादव एवं प्रतीक यादव ने दीप प्रज्वलित कर आई.सी.एफ.एफ.-2016 के दूसरे दिन का विधिवत उद्घाटन किया जबकि प्रख्यात गायिका सुश्री अनुपमा राग एवं बाल कलाकार दर्शील सफारी एवं अमय पाण्ड्या की उपस्थिति ने बाल फिल्मोत्सव की रौनक में चार चाँद लगा दिये। सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में शैक्षिक फिल्मों से प्रेरणा ग्रहण करने पधारे हजारों छात्रों ने तालियां बजाकर प्रख्यात गायिका सुश्री अनुपमा राग का भरपूर स्वागत किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में समाजसेवी सुश्री अपर्णा यादव ने कहा कि सी.एम.एस. का यह बाल फिल्मोत्सव बच्चों को जीवन मूल्यों की शिक्षा देने का कारगर तरीका है। जीवन के जिन नैतिक सिद्वान्तो के बारे में हम बच्चों को बताते हैं, उन्हें बाल फिल्मों के माध्यम से जीवन्त रूप से बच्चों को दिखाना बहुत ही प्रेरणादायी है। विदित हो कि स

आडवाणी की पत्नी कमला आडवाणी का निधन

Image
भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी की पत्नी कमला आडवाणी का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने बेचैनी और सांस में परेशानी की शिकायत की जिसके बाद उन्हें एम्स ले जाया गया। डाक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन कोशिश व्यर्थ गई। सूत्रों ने कहा कि उनकी हृदयगति रुक गई। कमला आडवाणी (83) के परिवार में पति लालकृष्ण आडवाणी के अलावा एक बेटा और एक बेटी हैं। वह कुछ समय से वद्धावस्था से जुड़ी समस्याओं से जूझ रही थीं और पिछले कुछ महीने से व्हीलचेयर पर थीं। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार उन्हें विस्मृति विलोप भी था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वयोवृद्ध भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की पत्नी कमला आडवाणी के निधन पर आज दुख प्रकट किया और कहा कि उन्होंने हमेशा ही पार्टी कार्यकतार्ओं को प्रेरित और उत्साहित किया। मोदी ने ट्वीट किया, कमला आडवाणी जी के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ। उन्होंने हमेशा कार्यकतार्ओं को प्रेरित किया और उनमें उत्साह का संचार किया। वह लालकृष्ण आडवाणीजी की शक्तिस्तंभ थीं। उन्होंने कहा कि मुझे कम

पत्नी को नागरिकता दिलाते-दिलाते बन गए मानसिक रोगी

Image
कहते हैं कि प्यार की कोई सरहद नहीं होती। मगर सरहदें भुलाकर शादी करना कई प्रेमी युगल को भारी पड़ रहा है। दशकों से नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय के चक्कर काट चुके बरेली के 48 युगलों के नाती-पोते तक हो चुके हैं, मगर देश का नागरिक कहलाने का हक नहीं मिल सका है। बरेली के नरेंद्र कुमार तो 24 साल से सरकारी अफसरों के चक्कर काटकर मानसिक रोगी हो गए हैं। पाकिस्तान के सिंध प्रांत की लीलाबाई का विवाह 25 नवंबर 1992 को बरेली के सिंधुनगर के नरेंद्र कुमार से हुआ। उन्होंने तभी भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया। 26 अक्तूबर 2015 को पाकिस्तान की नागरिकता खत्म कराने का प्रमाण पत्र मिल गया था। ओरिजनल प्रमाण पत्र गृह मंत्रालय में 23 दिसंबर 2015 को जमा कर दिया था। 28 मार्च 2016 को गृह मंत्रालय से पत्र आया कि पाकिस्तान की नागरिकता त्यागने का ओरिजनल प्रमाण पत्र जमा करें। लीलाबाई ने बताया कि ओरिजनल प्रमाण पत्र गृह मंत्रालय में जमा करने की उनके पास रिसीविंग तक है, मगर पत्र भेजकर परेशान किया जा रहा है। नरेंद्र कुमार ने बताया कि सिंधुनगर में उनकी आइस्क्रीम की शॉप थी जो सोसायटी वालों ने बंद करवा दी। पेट पालने को घर म

पनामा लीक्स मामले बताई गई कंपनियों के नाम तक नहीं जानता : अमिताभ बच्चन

Image
पनामा लीक्स मामले में महानायक अमिताभ बच्चन ने अपनी सफाई दी है। बच्चन ने मंगलवार को कहा कि वह बताई गई कंपनियों के नाम तक नहीं जानते हैं और वह उन कंपनियों के कभी निदेशक नहीं रहे। अभिनेता ने कहा कि उन्होंने अपने सभी टैक्स दिए हैं। यहां तक कि विदेशों में निवेश पर भी उन्होंने टैक्स दिया है। महानायक ने कहा कि संभव है कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल हुआ हो। गौरतलब है कि पनामा की विधि कंपनी मोसाक फोनेस्का के एक करोड़ 10 लाख गोपनीय दस्तावेज लीक हुए हैं। इन दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि भारत के करीब 500 लोग ऐसे हैं जिन्होंने टैक्स हैवन देशों में निवेश किया है और उनके नाम से कंपनियां हैं। इन लोगों में अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन सहित राजनीति और उद्योग से जुड़े लोगों के नाम है।  अपना नाम सामने आने के बाद पहली बार अमिताभ ने अपनी सफाई दी है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अमिताभ ने कहा, संभव है कि मेरे नाम का गलत इस्तेमाल हुआ हो। मैंने यहां तक कि विदेशों में निवेश किए गए धन पर सभी टैक्स दिए हैं। टैक्स हैवन में दौलत छुपाने वालों की सूची में नेता, अभिनेता, खिलाड़ी, व्यापार से जुड़ी कई नामचीन हस्तियों

अमिताभ और ऐश्वर्या राय समेत 500 भारतीयों ने छुपाई अकूत दौलत

Image
टैक्स हैवन देशों में शामिल पनामा की एक कंपनी मोसेक फोंसेका के एक करोड़ से ज्यादा टैक्स डॉक्यूमेंट्स लीक हो गए हैं। इन डॉक्यूमेंट्स के आंकड़े लीक होने से अब तक के सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। लीक हुए पेपर्स से खुलासा हुआ है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अलावा करीब 150 ऐसे बड़े राजनेता शामिल हैं, जिन्होंने बड़ी दौलत टैक्स हैवन देशों में छुपाई है। भारत से इस लिस्ट में बॉलिवुड के शंहशाह अमिताभ बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन शामिल है।  अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार टैक्स हैवन में दौलत छुपाने वालों में बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन और उनकी बहू ऐश्वर्या राय बच्चन, डीएलफ के मालिक केपी सिंह और गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी भी शामिल हैं। इस सूची में 500 से ज्यादा भारतीय हैं। जानकारी के मुताबिक इस रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का नाम इस लिस्ट में नहीं है। हालांकि उनके बेहद करीबियों ने फर्जी कंपनियों के जरिए करीब 2 बिलियन डॉलर का टैक्स बचाया। पुतिन के एक कारोबारी दोस्त का नाम इस लिस्ट में है। पुतिन के बेटी के गॉडफादर

छत्तीसगढ़ में 25 साल की महिला की कोख से ‘पांच देवियों’ का जन्म

Image
चैत्र नवरात्रि से महज पांच दिन पहले छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में एक 25 वर्ष की महिला की कोख से एक साथ पांच बच्चियों को जन्म लिया है। बच्चियां स्वस्थ हैं लेकिन सामान्य से कम वजन होने के कारण उन्हें डॉक्टरों की सतत निगरानी में रखा गया है।  लखनपुर ब्लॉक के बिनकरा-जमगला गांव के रहने वाले उमेश कुमार की पत्नी मनीता (25) 31 मार्च से अस्पताल में भर्ती थी।  शनिवार को सुबह 9.40 बजे से 10.19 बजे के बीच उसने पांचों बच्चियों को जन्म दिया। डिलीवरी से पहले सोनोग्राफी में दो से ज्यादा बच्चों का पता चला था लेकिन पांच का अनुमान नहीं था। प्रीमेच्योर डिलीवरी - बच्चे नॉर्मल डिलीवरी से हुए हैं लेकिन उनका वजन एक से डेढ़ किलो के बीच यानी सामान्य से काफी कम है। - पहली बच्ची का वजन 1 किलो 300 ग्राम, दूसरी व तीसरी का 1 किलो 500 ग्राम, चौथी का 1 किलो 200 ग्राम और पांचवीं का वजन 1 किलो है। - डॉक्टरों का अनुमान है कि प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई है, गर्भ सात महीने का ही था। - जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ एनके पांडेय ने बताया कि लो बर्थ वेट (जन्म के समय ढाई किलो से कम वजन) का मामला है रिस्की होता है। - हालांकि,

प्रतिभा प्रदर्शन से छात्रों ने जीता अभिभावकों का मन

Image
लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) द्वारा ‘ओपेन डे समारोह - फिएस्टा-2016’ का भव्य आयोजन बड़े ही उल्लासपूर्ण माहौल में आज विद्यालय प्रांगण में आयोजित हुआ। इस अवसर पर सी.एम.एस. छात्रों ने अपनी अभूतपूर्व प्रतिभा का अद्भुद नजारा पेश कर अभिभावकों को गदगद कर दिया। समारोह की खास बात रही कि इसमें बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों ने भी जोरदार भागीदारी की और  बच्चों की प्रतिभा को खुले दिल से सराहा। जहाँ एक ओर छात्रों ने स्वनिर्मित आर्ट एण्ड क्राफ्ट का सुन्दर नजारा प्रस्तुत कर अपने हुनर का प्रदर्शन किया तो वही दूसरी ओर नृत्य एवं गीत-संगीत में भी जलवा बिखेरा। इस अवसर पर छात्रों ने विभन्न प्रकार के ज्ञानवर्धक खेलों, जूडो-कराटे, मिट्टी के बरतन बनाना आदि अनेकानेक विधाओं में हाथ आजमाये तो वहीं विज्ञान प्रदर्शनी के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। इससे पहले, कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शांति प्रार्थना से हुआ। छात्रों ने विभिन्न धर्मों में दिए आदर्श विचारों को अभिभावकों के समक्ष रखा और दिखाया कि सभी धर्म एक ही ईश्वर के पास पहुंचने के अलग-अलग रास्ते हैं। छ