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Showing posts from August, 2019

दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में स्वरोजगार बढ़ रहा हिंडालको महान

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नई दिल्ली। भारत की 60 प्रतिशत आबादी गाँवों में रहती है जिनका व्यवसाय कृषि पर आधारित है। सफल कृषि उद्यमियों की संख्या बेहद कम है, वही मध्यप्रदेश जैसे राज्य में वस्तुत: और भी कम है। भारत विश्व का बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और दुग्ध उत्पादक क्षेत्र में भारत लगातार प्रगति कर रहा है। एक अनुमान के अनुसार वर्ष 2022 तक 254.5 मिलियन टन तक पहुचने की उम्मीद है। भारत सरकार ने दुग्ध उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता और पोष्टिक दुग्ध की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए भारतीय  खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने राज्य के खाद्य अधिकारीयों से दूध की नियमित जाँच करने के आदेश भी दिए है। सरकार का लक्ष्य है की देश के नागरिकों को पोष्टिक एवं शुद्ध दूध की पर्याप्त उपलब्धता हो।  सरकार दूध व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नए उद्यमियों को इस  क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिये राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय डेयरी महासंघ, डेयरी प्रसंस्करण, डेयरी उद्यमियों विकास योजना जैसे  कई योजनाएं संचालित की है। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में स्थापित हिंडालको महान एल्युमिनियम प्रोजेक्ट सामाजिक दायित्व के तहत आस -पास के 17 गाँवों में कृष

लोगों को लुभा रही बस्तर की काष्ठ कला, बेल मेटल, ढोकरा शिल्प

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रायपुर। भारत की काष्ठ कला और शिल्प विश्व में मशहूर है। यहां छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पंडरी हाट में 10 दिवसीय सावन मेला के लिए हस्त-शिल्प की दुकानें सज गई है। इस मेले में छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से आए सिद्धहस्त कलाकारों के हस्त-शिल्प कला कृतियों की प्रदर्शनी सह बिक्री के लिए 44 स्टॉल लगाए गए हैं। छत्तीसढ़ परम्परागत हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित करने के लिए बिक्री सह प्रदर्शनी का आयोजन छत्तीसगढ़ हस्त-शिल्प विकास बोर्ड रायपुर द्वारा पंडरी रायपुर में 9 अगस्त से 18 अगस्त तक दस दिवसीय सावन मेला का आयोजन किया जा रहा है। इन स्टॉलों में बस्तर की काष्ठ कला, बेल मेटल, ढोकरा शिल्प, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, पारंपरिक वस्त्र, तुमा शिल्प, कसीदाकारी, कोसा के वस्त्र और हैण्डलूम से तैयार की गई विभिन्न कलात्मक और उपयोगी वस्तुओं की बिक्री की जाएगी। इस आयोजन में राज्य के विभिन्न जिले से आए 38 शिल्पकार एवं हाथकरघा के दस बुनकर सहकारी समितियों के साथ-साथ माटीकला बोर्ड तथा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के शिल्पकार अपनी कला का प्रदर्शन किए है। इसके अलावा सावन मेला में खान-पान की दुकानों के अंतर्गत महिला स्व