स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा दौलत में 40 फीसद का इजाफा
तमाम कोशिशों के बावजूद काले धन पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा। आंकड़े इसकी गवाही देते हैं। काले धन की पनाहगाह स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा दौलत में 40 फीसद का इजाफा हुआ है। यह धन बढ़कर दो अरब स्विस फ्रैंक यानी करीब 14 हजार करोड़ रुपये से ऊपर पहुंच गया है। स्विटजरलैंड के केंद्रीय बैंक स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) ने गुरुवार को अपने बैंकों में जमा धन पर आंकड़े जारी किए। ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2012 में स्विस बैंकों में भारतीयों का करीब नौ हजार करोड़ रुपये जमा था। 2013 के दौरान इसमें बड़ा इजाफा हुआ। इसके उलट दुनिया के अन्य देशों से इन बैंकों में जमा होने वाली कुल दौलत में रिकॉर्ड गिरावट आई। यह न्यूनतम स्तर 13 खरब 20 अरब स्विस फै्रंक (करीब 90 लाख करोड़ रुपये) रहा। एक स्विस फ्रैंक की विनिमय दर करीब 70 रुपये है। 2012 के दौरान स्विस बैंकों में जमा भारतीयों का धन एक तिहाई से अधिक गिरावट के साथ न्यूनतम स्तर पर था। स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के कुल दो अरब स्विस फ्रैंक में 1.95 अरब स्विस फ्रैंक व्यक्तियों और संस्थाओं के खातों में है। वहीं, सात करोड़ 73 लाख स्विस फ्रैंक फंड मैनेजरों के जरिये लगाए गए हैं। एसएनबी की ओर से ताजा आंकड़े ऐसे समय आए हैं, जब भारत समेत दुनिया के तमाम देशों से स्विटजरलैंड पर विदेशी खातों को लेकर सूचनाएं साझा करने का दबाव बढ़ रहा है। काले धन के मामलों की जांच को लेकर हाल ही में भारत सरकार ने विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित किया है। एसएनबी ने कहा है कि बैंकों के नजरिये में बदलाव आ रहा है। विदेशी ग्राहकों के बजाय घरेलू व्यवसाय को बढ़ाने में उनका अधिक ध्यान है। स्विटजरलैंड में कुल 283 बैंक हैं। इनमें से यूबीएस और क्रेडिट सुइस बड़े बैंकों में आते हैं।
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