मंगल अभियान में होगी मीथेन की खोज



मंगल अभियान में होगी मीथेन की खोज

  मंगल की कक्षा के लिए मंगलवार को भेजे जा रहे 1.3 टन के मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) में एक ऐसा संवेदक लगा हुआ है, जो मंगल ग्रह पर मौजूद मिथेन गैस को खोजेगा और उसके स्रोत के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश करेगा। ऑर्बिटर में पांच उपकरण लगे हैं। इनमें से एक है मीथेन सेंसर फॉर मार्स (एमएसएम) जो मंगल के वातावरण में संभावित मीथेन के सटीक अनुपात का पता लगाने में सक्षम है। साथ ही एमएसएम यह भी पता लगा सकता है कि मीथेन गैस का स्रोत क्या है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. राधाकृष्णन ने यहां कहा, "चूंकि मीथेन की मौजूदगी मंगल पर अतीत में मौजूद रहे जीवन का एक संकेत है, लिहाजा संवेदक मंगल की कक्षा में मीथेन की मौजूदगी का पता लगाएगा। यदि वहां मीथेन मौजूद है, तो हमें जीव विज्ञान और भूविज्ञान के संदर्भ में इसके स्रोत के बारे मे पता होना चाहिए। थर्मल इंफ्रारेट संवेदक पता लगाएगा कि मीथेन का स्रोत भूगर्भीय तो नहीं है।"  उन्होंने कहा कि मंगल पर मीथेन का पता लगाने के लिए पहली बार सेंसर का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नासा ने क्यूरियोसिटी उपकरण के जरिए एक निश्चित जगह पर मीथेन का पता लगाने की कोशिश की थी। भारतीय सेंसर से संपूर्ण मंगल ग्रह पर मीथेन की मौजूदगी का पता लगाया जाएगा। ऑर्बिटर में दूसरा उपकरण है - लिमैन अल्फा फोटोमीटर (एलएपी)। यह मंगल की वातावरणीय प्रक्रिया का अध्ययन करेगा और उसके ऊपरी वातावरण में ड्यूटीरियम (समस्थानिक) और हाइड्रोजन के अनुपात तथा निष्क्रिय कणों का पता लगाएगा। ऑर्बिटर में तीसरा उपकरण है - मार्स कलर कैमरा (एमसीसी)। इससे मंगल ग्रह की तीन रंगों में तस्वीर ली जाएगी। ऑर्बिटर में चौथा उपकरण है - मार्स एक्सोस्फीयरिक न्यूट्रल कंपोजिशन एनलाइजर (एमईएनसीए) और पांचवां उपकरण है - थर्मल इंफ्रारेड इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर (टीआईएस)। इन उपकरणों के जरिए रासायनिक रूप से निष्क्रिय अवयवों का पता लगाया जाएगा तथा दिन व रात के समय तापमान का भी पता लगाया जाएगा।

Comments

Popular posts from this blog

मैंने अपने भाई के लिए बर्थडे केक बनाया : अवनीत कौर

लोगों को लुभा रही बस्तर की काष्ठ कला, बेल मेटल, ढोकरा शिल्प

प्रतापगढ़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यकर्ताओं ने देश कल्याण के लिए किया महामृत्युंजय जप