देरी से मिले तो न्याय नहीं

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देरी से मिलने वाला न्याय, न्याय नहीं मिलने के बराबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150वीं वर्षगांठ समारोह का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने अदालतों में लाखों मुकदमे लंबित होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जजों के रिक्त पद जल्द भरे जाने चाहिए। राष्ट्रपति ने मुकदमों के त्वरित निस्तारण के लिए वैकल्पिक न्याय प्रणाली को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि छोटे मुकदमे सुलह-समझौते के आधार पर निपटाए जाएं तो अदालतों पर बोझ नहीं बढ़ेगा। साथ ही राष्ट्रपति ने कहा कि सरकारों, न्यायाधीशों और वकीलों को साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि न्याय को हकीकत का रूप दिया जा सके।उन्होंने कहा कि न्यायपालिका संविधान की आखिरी व्याख्या करने वाली इकाई है। इसलिए उसे गलतियों से तेजी से और कारगर तरीके से निपटकर सामाजिक व्यवस्था कायम रखने में मदद करनी चाहिए। दो डाक टिकट जारी: समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दो डाक टिकट भी जारी किए। एक पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के भवन और दूसरे पर इसकी लखनऊ पीठ के भवन का चित्र है। साथ ही उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट पर 10 रुपये का सिक्का भी जारी किया और शताब्दी पत्रिका का विमोचन किया।

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