यूपी सरकार को शर्म नहीं आती

उत्तर प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था का हल्ला पूरे देश में है। जब से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी, मानो अपराध बढ़ गए। हलांकि सपा सरकार आने के बाद ऐसा होना स्वाभाविक था। पर लोगों में युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगने की उम्मीद रही। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लोगों की इस उम्मीद पर खरा नहीं उतर सके। उनके सरकार की उपलब्धि साम्प्रदायिक दंगे, अफसरों के साथ अपमानजनक बर्ताव, महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं ही प्रमुख रुप से सामने आयी हैं। बदायूं में दो बहनों के साथ दुष्कर्म के बाद उनकी हत्या कर शव पेड़ से लटका दिए जाने की घटना अभी लोग भूल नहीं सके हैं। इसी बीच दो और रोंगेटे खड़े कर देने वाली घटनाएं घट गयीं। कानपुर में एक बीएससी की छात्रा ने 17 जुलाई 2004 को छेड़छाड़ से तंग आकर आत्महत्या कर ली। 18 जुलाई 2004 की रात प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई दुस्साहसिक घटना ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए। इत्तेफाक यह है कि दिल्ली में शिकार हुई ‘निर्भया’ पैरामेडिकल स्टाफ थी और लखनऊ में शिकार हुई महिला भी एक बड़े सरकारी अस्पताल में पैरामेडिकल स्टाफ ही है। मृतिका की शिनाख्त हो गई है। उसके दो बच्चे हैं जबकि पति की मौत पहले ही हो चुकी है। मोहनलालगंज क्षेत्र में जब दो दिनों से पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के आगमन को लेकर सुरक्षा-व्यवस्था बेहद कड़ी थी, तभी इसी क्षेत्र के बलसिंह खेड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसर में दरिंदगी की सारी हद पार कर दी गई। यहां एक महिला की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई। महिला का निर्वस्त्र शव मिलने पर गुरुवार सुबह वारदात का पता चला। पुलिस ने शव की शिनाख्त कर ली है। करीबियों और रिश्तेदारों से पूछताछ भी शुरू हो गई है। इस बीच एसएसपी प्रवीण कुमार ने इंस्पेक्टर मोहनलालगंज कमरुद्दीन खान व दारोगा मुन्नीलाल वर्मा को निलंबित कर दिया गया है। ग्राम गढ़ी मवइया के चौकीदार नोखेलाल ने गुरुवार सुबह पुलिस को स्कूल में महिला का शव पड़ा होने की सूचना दी। विद्यालय परिसर के बरामदे, हैंडपंप तक बिखरा खून और युवती का शव देखकर सभी के रोंगटे खड़े हो गए। दीवारों तक पर खून के छींटे थे। चेहरे पर भी चोट के गंभीर निशान पाए गए। साफ लग रहा था कि महिला ने बदमाशों के चंगुल से बचने के लिए खूब संघर्ष किया होगा। बदमाशों ने उसे पूरे परिसर में दौड़ाकर पीटा और दरिंदगी की सारी हद लांघते चले गए। युवती का लाल व हरे रंग का छींटदार कुर्ता, एक सफेद रंग की सैंडिल, लाल रंग की लेगिंग अलग-अलग स्थानों पर पड़े थे। मोहनलालगंज इंस्पेक्टर कमरुद्दीन व अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। बाद में डाग स्क्वायड भी पहुंचा। दोपहर बाद तक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यक्रम की वजह से शाम करीब चार बजे आला अफसर मौके पर पहुंचे। आशंका है कि बदमाश महिला को कार से अगवा कर यहां लाए थे। अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या व साक्ष्य छिपाने की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। एसएसपी प्रवीण कुमार के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवती के शरीर पर मृत्यु से पूर्व की छोटी-बड़ी 12 चोटों के निशान पाए गए हैं। मौत का कारण मल्टीपल हैमरेज है। सवाल है कि राज्य की राजधानी में पुलिस प्रशासन क्या इस कदर लापरवाह है। या फिर घटना को अंजाम देने वाले लोग बेहद प्रभावशाली हैं। फिलहाल उत्तर प्रदेश के लिए यह कोई नई घटना नहीं है। कुछ दिन हो-हल्ला होगा, फिर सबकुछ जैसे का तैसा हो जाएगा।

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