राजनीति मे उत्तम हैं सोनिया के सितारे
इटली के त्यूरिन शहर मे जन्मी सोनिया गांधी की जन्म लग्न कर्क है नक्षत्र
मण्डल मे जिस वक्त सोनिया जी जन्म हुआ उस समय मिथुन राशि मे चन्द्रमा, कर्क
लग्न का अधिपति होकर द्वादश स्थान मे है। जीवन मे चन्द्र ग्रह का
स्वामित्व होने के कारण कल्पनाशीलता का स्वाभाविक गुण पाया जाता है। जो
कार्य यह करेंगी पूरी दृढ़ता के साथ करेंगी चाहे जो भी क्षेत्र हो काम करना
है तो र्इमानदारी और निष्ठा के साथ करना है अपने उत्तरदायित्यों के प्रति
बेहद जागरुक रहेंगी। अगाध प्रेम की भावना भी स्पष्ट रुप से समाज, परिवार
तथा राजनैतिक जीवन मे प्रतीत होगी। कर्क लग्न मे शानि उत्तम राजयोग सूचक
होता है। पुस्तक मानसागरी के अनुसार- कर्क लग्ने समुत्पन्ने धर्मी भोगी
जनप्रिय:। मिष्ठान पानभोक्ताच सौभाग्य संयुत:।। परदेशग: सुधीर: साहस कर्मा
जलाधिगत वित:। स्त्री भूषणाम्बर सुखौभोगैश्च समानिवतो भवति।। इस राशि के
चरणो मे मुख्यत: पुनर्वसु, पुष्य और श्लेषा नक्षत्र की समाविषिट रहती है।
पुनर्वसु का स्वामी बृहस्पति, पुष्य का स्वामी शनि तथा श्लेषा का स्वामी
बुध ग्रह माना गया है इन सभी ग्रहों का समावेश सोनिया जी के स्वभाव में
हैं। जन्मांक मे कर्क लग्न मे शनि जी विराजमान हैं यह परम राजयोग कारक है। दीर्घ
कालीन सत्ता के सूचक हैं। धीरे-धीरे चलकर शानि जी मजबूती के साथ मंजिल तक
पहुंचाते हैं। नवमांश मे भी लाभ स्थान मे है यह लाभ ही लाभ देते हैं लाभ का
कभी-कभी स्वरुप बदल जाता है। 13.11.2012 से केतु की महादशा प्रारम्भ हो
जाती है। केतु की महादशा का भोगकाल 13.11.2019 तक है केतु की महादशा मे
केतु का अन्तर 10.04.2013 तक था। वर्तमान समय मे जून 2014 तक केतु की
महादशा मे शुक्र के अन्तर का प्रभाव रहेगा। ध्यातव्य यह है कि शुक्र सोनिया
जी के जन्मांक मे प्रबल राजयोग कारक है तथा नवमांश मे भी अति उत्तम सिथति
मे है। सन 2014 मे बृहस्पति, शनि, बुध की प्रत्यन्तर दशायें चलेंगी। यह
उत्तम फलदायक होंगी। शुक्र की अन्तरदशा तथा शक्र का नवमांश मे त्रिकोण मे होने से 2014 वर्ष
लाभदायक रहेगा। स्त्रीपक्ष का बड़ा वर्ग आपके नेतृत्व को बेहतर तरीके से
पहचानेगा। चुनौतियां भी आयेंगी, समाधान भी निकलता रहेगा। गोचर मे शनि तथा
बृहस्पति का राशि परिवर्तन आपके लिये तथा आपके परिवार के लिये लाभ दायक
सिथतियों का सूचक सिद्ध होगा।
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