...इसलिए कार्तिक मास में करते हैं दीपदान
भगवान विष्णु ने जब श्री कृष्ण रूप में अवतार लिया तब रूक्मिणी और सत्यभामा उनकी पटरानी हुई। सत्यभामा पूर्व जन्म में एक ब्राह्मण की पुत्री थी। युवावस्था में ही एक दिन इनके पति और पिता को एक राक्षस ने मार दिया। कुछ दिनों तक ब्राह्मण की पुत्री रोती रही। इसके बाद उसने स्वयं को विष्णु भगवान की भक्ति में समर्पित कर दिया।
वह सभी एकादशी का व्रत रखती और कार्तिक मास में नियम पूर्वक सूर्योदय से पूर्व स्नान करके भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करती थी। बुढ़ापा आने पर एक दिन जब ब्राह्मण की पुत्री कार्तिक स्नान के लिए गंगा में डुबकी लगायी तब बुखार से कांपने लगी और गंगा तट पर उसकी मृत्यु हो गयी। उसी समय विष्णु लोक से एक विमान आया और ब्राह्मण की पुत्री का दिव्य शरीर विमान में बैठकर विष्णु लोक पहुंच गया।
जब भगवान विष्णु ने कृष्ण अवतार लिया तब ब्राह्मण की पुत्री ने सत्यभामा के रूप में जन्म लिया। कार्तिक मास में दीपदान करने के कारण सत्यभामा को सुख और संपत्ति प्राप्त हुई। नियमित तुलसी में जल अर्पित करने के कारण सुन्दर वाटिका का सुख मिला। शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में किये गये दान पुण्य का फल व्यक्ति को अगले जन्म में अवश्य प्राप्त होता है। दीपदान करने के लिए कार्तिक माह का विशेष महत्व है| शास्त्रों के अनुसार इस माह भगवान विष्णु चार माह की अपनी योगनिद्रा से जागते हैं| विष्णु जी को निद्रा से जगाने के लिए महिलाएं विष्णु जी की सखियां बनती हैं और दीपदान तथा मंगलदान करती हैं| इस माह में दीपदान करने से विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में छाया अंधकार दूर होता है| व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है|
पदमपुराण के अनुसार कार्तिक के महीने में शुद्ध घी अथवा तेल का दीपक व्यक्ति को अपनी सामर्थ्यानुसार जलाना चाहिए| इस माह में जो व्यक्ति घी या तेल का दीया जलाता है, उसे अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फलों की प्राप्ति होती है| मंदिरों में और नदी के किनारे दीपदान करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं| हमारे शास्त्रों में दुखों से मुक्ति दिलाने के लिए कई उपाय बताए हैं। उनमें कार्तिक मास के स्नान, व्रत की अत्यंत महिमा बताई गई है। इस मास का स्नान, व्रत लेने वालों को कई संयम, नियमों का पालन करना चाहिए तथा श्रद्धा भक्तिपूर्वक भगवान श्रीहरि की आराधना करनी चाहिए।
Bahut achchhi mahiti prapt hui, Dhanyavad.
ReplyDeleteअच्छी प्रतिक्रिया के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
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