रालोद मुखिया व केंद्रीय उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा मुलायम सिंह की देन है। भाजपा ने आग में घी का काम किया। इन दोनों दलों ने दिलों में नफरत पैदा की है। पश्चिम की गंगा-जमुनी तहजीब को रक्तरंजित करने वाली सपा और भाजपा को जनता माफ नहीं करेगी। सहारनपुर के नकुड़ में रालोद की सभा में उन्होंने कहा कि सपा ने विश्व हिंदू परिषद के नेताओं से मिलकर मंत्रणा की और बेवजह 84 कोसी परिक्रमा के बहाने सांप्रदायिक माहौल तैयार कराया। इसके बाद मिली-जुली साजिश के तहत मुजफ्फरनगर व आसपास के जिलों में दंगे कराए गए। ऐसा इसलिए किया कि मुलायम को लग रहा था कि मुस्लिमों का रुझान रालोद की ओर है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर छोटे चौधरी ने उन पर भी निशाना साधा और कहा कि गुजरात का एक आदमी यूपी में फतह करने की लालसा लिए हुए है, लेकिन सपना पूरा नहीं होने वाला। सूबे की कानून-व्यवस्था पर भी अजित सिंह ने तंज कसे और कहा कि यहां राज्य में पांच सीएम हैं। अखिलेश यादव तो केवल नाम के मुख्यमंत्री हैं। सरकारी मशीनरी दबाव में है। दुर्गाशक्ति नागपाल मामले को उछालते हुए अजित ने कहा कि ईमानदारी से काम करने वाले अफसरों को सरकार सजा दे रही है। उन्होंने कहा कि एक ही दिन में सरकार ने बिजली का रेट 35 से 40 फीसदी कर दिया।विषयांतर करते हुए अजित सिंह ने कहा कि यह सरकार अभी तक गन्ने का दाम नहीं तय कर सकी है। पिछले साल का दो हजार करोड़ से ज्यादा का किसानों का भुगतान लटका हुआ है। कहा कि शहरों में दंगे होते हैं तो कर्फ्यू से कंट्रोल हो जाता है, लेकिन इस बार दंगे गावों में फैलाए गए। मुलायम सिंह चाहते थे कि 92 जैसे हालात पैदा हो जाएं, ताकि उनकी पार्टी को इसका फायदा मिले, लेकिन हमें कान खड़ा रखना होगा।अजित ने कहा कि मिलें बंद हुई तो किसान जिंदा नहीं रह पाएंगे। गन्ने के बिना पश्चिम की अर्थव्यवस्था ही चरमरा जाएगी। पर लखनऊ में बैठे सपा नेताओं की सोच कुंद हो गई है। सब लूटमार में लगे हैं। दंगा सिर्फ छह गांवों में हुआ, पर नफरत पूरे पश्चिम में फैलाई गई। मीडिया ने भी दंगे में अफवाहें फैलाई।
रालोद मुखिया व केंद्रीय उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगा मुलायम सिंह की देन है। भाजपा ने आग में घी का काम किया। इन दोनों दलों ने दिलों में नफरत पैदा की है। पश्चिम की गंगा-जमुनी तहजीब को रक्तरंजित करने वाली सपा और भाजपा को जनता माफ नहीं करेगी। सहारनपुर के नकुड़ में रालोद की सभा में उन्होंने कहा कि सपा ने विश्व हिंदू परिषद के नेताओं से मिलकर मंत्रणा की और बेवजह 84 कोसी परिक्रमा के बहाने सांप्रदायिक माहौल तैयार कराया। इसके बाद मिली-जुली साजिश के तहत मुजफ्फरनगर व आसपास के जिलों में दंगे कराए गए। ऐसा इसलिए किया कि मुलायम को लग रहा था कि मुस्लिमों का रुझान रालोद की ओर है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर छोटे चौधरी ने उन पर भी निशाना साधा और कहा कि गुजरात का एक आदमी यूपी में फतह करने की लालसा लिए हुए है, लेकिन सपना पूरा नहीं होने वाला। सूबे की कानून-व्यवस्था पर भी अजित सिंह ने तंज कसे और कहा कि यहां राज्य में पांच सीएम हैं। अखिलेश यादव तो केवल नाम के मुख्यमंत्री हैं। सरकारी मशीनरी दबाव में है। दुर्गाशक्ति नागपाल मामले को उछालते हुए अजित ने कहा कि ईमानदारी से काम करने वाले अफसरों को सरकार सजा दे रही है। उन्होंने कहा कि एक ही दिन में सरकार ने बिजली का रेट 35 से 40 फीसदी कर दिया।विषयांतर करते हुए अजित सिंह ने कहा कि यह सरकार अभी तक गन्ने का दाम नहीं तय कर सकी है। पिछले साल का दो हजार करोड़ से ज्यादा का किसानों का भुगतान लटका हुआ है। कहा कि शहरों में दंगे होते हैं तो कर्फ्यू से कंट्रोल हो जाता है, लेकिन इस बार दंगे गावों में फैलाए गए। मुलायम सिंह चाहते थे कि 92 जैसे हालात पैदा हो जाएं, ताकि उनकी पार्टी को इसका फायदा मिले, लेकिन हमें कान खड़ा रखना होगा।अजित ने कहा कि मिलें बंद हुई तो किसान जिंदा नहीं रह पाएंगे। गन्ने के बिना पश्चिम की अर्थव्यवस्था ही चरमरा जाएगी। पर लखनऊ में बैठे सपा नेताओं की सोच कुंद हो गई है। सब लूटमार में लगे हैं। दंगा सिर्फ छह गांवों में हुआ, पर नफरत पूरे पश्चिम में फैलाई गई। मीडिया ने भी दंगे में अफवाहें फैलाई।
Comments
Post a Comment