Lucknow


 घूसखोरी और भ्रष्टाचार से आजिज सेवानिवृत्त शिक्षक ने बुधवार को पेंशन के लिए दौड़ते-दौड़ते थक-हारकर वित्त एवं लेखाधिकारी के कमरे में घुसकर पेट्रोल डालकर स्वयं को आग लगा ली। शिक्षक के अलावा लेखाधिकारी भी आंशिक रूप से घायल हो गए। शिक्षक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शिक्षक का आरोप है कि पेंशन के लिए लेखाधिकारी बीस हजार रुपये मांग रहे थे। वहीं लेखाधिकारी ने इन आरोपों को खारिज किया है। वजीरगंज कोतवाल का कहना है कि देर शाम तक मामले की तहरीर नहीं मिली थी।शिक्षक सैयद मसूद हसन रिजवी पूर्व माध्यमिक विद्यालय मड़ियांव से इसी वर्ष सेवानिवृत्त हुए हैं। घटनाक्रम के मुताबिक बुधवार को शाम साढ़े चार बजे के करीब वह वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय पहुंचे और लेखाधिकारी आशुतोष चतुर्वेदी के कमरे में खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। आशुतोष का आरोप है कि शिक्षक ने आग लगाने के बाद उनको भी पकड़ लिया जिससे वह भी आंशिक रूप से घायल हो गए। घटना से पूरे कार्यालय में हड़कंप मच गया। कमरे में मौजूद कंप्यूटर ऑपरेटर आरिफ और दूसरे कर्मचारियों ने शिक्षक की आग बुझाई और उन्हें बलरामपुर अस्पताल भेजा।इस बारे में आशुतोष चतुर्वेदी का कहना है कि सैयद मसूद इसी साल रिटायर हुए हैं और जून में उनका फंड भी रिलीज कर दिया गया था। उनकी पेंशन की पत्रावली सितंबर में ही आई थी और 26 सितंबर को अपर निदेशालयवित्त एवं पेशन कोषागार को भेज दी गई है। आशुतोष के मुताबिक पेंशन की पत्रावली भेजने में किसी प्रकार की देरी नहीं हुई है। शिक्षक ने इस तरह का कृत्य क्यों किया यह समझ से परे है। उन्होंने बीस हजार की घूस मांगने के आरोपों को भी सिरे से खारिज किया। हालांकि, शिक्षक मसूद का कहना है कि वह कई दिनों से पेंशन के लिए दौड़ रहे हैं। घर पर बीमार पत्‍‌नी के अलावा कोई नहीं है, एक बेटा है वह नेवी में है। पेंशन जारी कराने के लिए लेखाधिकारी आशुतोष चतुर्वेदी उनसे बीस हजार रुपये मांग रहे थे। मैने कई बार उनसे गुजारिश की, लेकिन वह बिना पैसा लिए सुनने को तैयार ही नहीं थे।

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