नवाज़ को ओबामा ने सुनाई खरी-खरी, ठुकराया कश्मीर मुद्दा


नवाज़ को ओबामा ने सुनाई खरी-खरी, ठुकराया कश्मीर मुद्दा
जम्मू-कश्मीर के मामले में अमेरिकी बीचबचाव की मांग करने वाले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की मंशा पर पानी फिर गया हैं क्योंकि ख़बरों के मुताबिक, अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नवाज के भारत कश्मीर मुद्दों को ठुकरा दिया हैं | साथ ही ओबामा ने नवाज़ को खरी खरी सुनते हुए यह भी पुछा कि 26/11 के दोषी लोगों के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई और लश्कर-ए-तैबा के संरक्षक जमात उद दावा की क्या गतिविधियां हैं? इससे पहले नवाज शरीफ ने कश्मीर पर खीचातान करते हुए नियंत्रण रेखा पर तनाव भड़काकर परमाणु युद्ध का डर पैदा करने की भी कोशिश की थी| शरीफ ने यह भी कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारतीय नेतृत्व जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बताते हैं जबकि वास्तविकता निश्चित रूप से कुछ और है। नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा से अपनी पहली मुलाकात से पहले कहा था कि कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए अमेरिका को दखल देना चाहिए जबकि भारत ने इस प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा था कि ऐसा करना समय की बर्बादी होगी। बाद में बराक ओबामा और नवाज़ शरीफ की मुलाकात हुई जिसमे ओबामा ने कड़े लहजे का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पूछा कि किसी भी देश की धरती का इस्तेमाल उसके पड़ोसियों को अस्थिर करने के लिए आखिर क्यों| साथ ही ओबामा ने आतंकवाद के सभी रूपों और सभी प्रकारों की निंदा भी की थी | व्हाइट हाउस में अपनी पहली मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की जिनमें हिंसक चरमपंथ और आतंकवाद का मुददा प्रमुख रहा था । बैठक के बाद जारी किए गए एक संयुक्त बयान में कहा गया कि बराक ओबामा ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी देश के क्षेत्र का इस्तेमाल उसके पड़ोसियों को अस्थिर करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

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