पंडवानी की मेरी तान गूंजती रहेगी

बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि देश और दुनिया में प्रसिद्ध पंडवानी गायिका तीजन बाई भिलाई इस्पात संयत्र में सेवारत रहीं। पद्म श्री एवं पद्म भूषण डॉ. तीजन बाई भिलाई इस्पात संयंत्र की सेवा से 31 अगस्त, 2016 को सेवानिवृत्त हो गई। भिलाई निवास के बहुउद्देशीय सभागार में आयोजित विदाई समारोह में भिलाई इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एम रवि ने स्वयं जाकर डॉ. श्रीमती तीजन बाई को सम्मानित करते हुए गरिमामय विदाई दी। एक संस्मरण की चर्चा करते हुए डॉ. श्रीमती तीजन बाई ने कहा कि मैं बीएसपी और भिलाई को कभी छोड़ नहीं सकती हूँ। आज मैं रिटायर्ड जरूर हो रही हूँ किन्तु पंडवानी की मेरी तान भिलाई, छत्तीसगढ़ और देश विदेश में गंूजती रहेगी। पद्म श्री एवं पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित छत्तीसगढ़ और देश की एकमात्र महिला कलाकार डॉ. श्रीमती तीजन बाई का जन्म 8 अगस्त, 1956 में ग्राम अटारी (पाटन), जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ में हुआ था। बचपन में अपने नाना बृजलाल पारधी से पंडवानी की गाथा को सुनने का अवसर मिला। उनके नाना ने ही पहली बार तीजन बाई जी के अंदर पंडवानी के प्रति आसक्ति और एक कलाकार ...