मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती
हर बारात में बैंड वाले बजाते हैं. मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती, मेरे देश की धरती. किसानों की आत्महत्या से दुखी देश में धरती किधर सोना उगल रही है भाई! पर फिल्मी गाना है, वास्तविकता से इसका क्या वास्ता! शादी से तो हरगिज नहीं. आजकल एक और गाना पार्टियों में खूब बज रहा है. दुनिया पीतल दी, बेबी डॉल मैं सोने दी. यानी ये दुनिया पीतल की है और मैं सोने की बनी हूं. इन गानों के सार पर विचार कर रहा था, तो नजर अखबार की दो खबरों पर गयी और भेद खुल गया. इसमें सोना भी है, चांदी भी है, हीरे-मोती भी हैं, शादी भी है, पार्टी भी है. देश की धरती और धरतीपुत्र किसान भी. शुरुआत चांदी से, चांदी को रजत कहते हैं. रजत गुप्ता भारत की आंखों का तारा हुआ करते थे. जब भारत में जन्मे गुप्ता दुनिया की शीर्ष वित्तीय कंपनी गोल्डमैन सैक्श के निदेशक बने, तो हमने रजत चालीसा पढ़नी शुरू कर दी. देखो अमेरिकावालो, हम किसी से कम नहीं. हर क्षेत्र में डंका पीट चुके भारतीयों के लिए गर्व की बात थी. दो महीने बाद रजत जेल जायेंगे. उन्हें दो साल की सजा काटनी है. उन पर आरोप है इनसाइडर ट्रेडिंग का. इनसाइडर ट्रेडिंग क...